हर दिन लोग हमें नौकरियां जाने को लेकर लिख रहे हैं. कैजुअल वर्कर से लेकर मध्यम श्रेणी के मैनजरों का हाल बुरा है. यहीं दिल्ली में कई जगह काम आधा हो गया है वहीं पर जहां पर चैनलों के मुख्यालय हैं लेकिन आपको यह हकीकत नज़र नहीं आएगी. फरीदाबाद में एक फैक्ट्री में कई मशीनों पर धूल जम गई है. ओल्ड फरीदाबाद की इस फैक्ट्री में कमीज़ के कॉलर में लगने वाले टेप्स जैसी सामग्री बनती है. पिछले छह सात महीने से ये मशीनें धूल खा रही हैं और मालिक ब्याज़ गिन रहा है. सिर्फ दो मशीनों का दाम 48 लाख है लेकिन काम कुछ नहीं है. यहां पर मशीन बेचने वाले शख्स से भी मुलाकात हुई. उन्होंने बताया कि आज कल मशीन भी कोई नहीं ख़रीद रहा है. लगभग 60 से 70 प्रतिशत मशीन की बिक्री कम हो गई है. इस फैक्ट्री में जितने लोग काम करते हैं पहले 24 घंटे काम करते थे, काम बंद नहीं होता था, लेकिन आज कल हफ्ते में दो या तीन दिन छुट्टी होती है. इसका असर सैलरी पर भी पड़ रहा है. 6 से 8 करोड़ का बिजनेस घट कर 2 से 3 करोड़ पर आ गया है. इसके मालिक ने बताया कि पास में एक और फैक्ट्री है जो बंद हो गई है. उसके बाद सुशील महापात्र दिल्ली के कबीर नगर गए. इस जगह पर जीन्स पैंट या शर्ट की स्टीचिंग का काम होता है. शुक्रवार के कारण यहां मार्केट बंद था लेकिन फैक्ट्री वालों ने बताया कि दूसरे दिन भी आते तो यही हाल होता.