सुप्रीम कोर्ट में EVM-VVPAT मामले में सुनवाई (Supreme Court On EVM-VVPAT) चल रही है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामले पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि प्रोग्राम मेमोरी में कोई छेड़छाड़ हो सकती है. इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि इसे बदला नहीं जा सकता, यह एक फर्मवेयर है, जो सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के बीच का है. इसे बिल्कुल भी नहीं बदला जा सकता. पहले रेंडम तरीके से ईवीएम का चुनाव करने के बाद मशीनें विधानसभा के स्ट्रांग रूम में जाती हैं और राजनीतिक दलों की मौजूदगी में लॉक किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब आप ईवीएम को जब भेजते हैं तो क्या उम्मीदवारों को टेस्ट चेक करने की अनुमति होती है. इस पर चुनाव आयोग ने बताया कि मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखने से पहले मॉक पोल आयोजित किया जाता है. उम्मीदवारों को रैंडम मशीनें लेने और जांच करने के लिए पोल करने की अनुमति होती है.