पेगासस जासूसी कांड को लेकर इजरायल, फ्रांस, हंगरी को नहीं लगता कि इससे उनके देश की छवि खराब हो रही है. बल्कि इन देशों में चिंता इस बात को लेकर है, कि विपक्ष के नेता, सरकार के मुखिया और पत्रकारों से लेकर नागरिकों के फोन की जासूसी ठीक बात नहीं है. क्या ये अजीब नहीं है कि जिस देश की कंपनी है एनएसओ, उस देश में इसकी जांच हो रही है. लेकिन भारत में नहीं. इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने बकायदा आयोग का गठन कर दिया है,जो पता लगाएगा कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नागरिकों की जासूसी के लिए तो नहीं हुआ? इजरायल की कंपनी एनएसओ सिर्फ इसी शर्त पर सरकारों को सॉफ्टवेयर बेचती कि वे आतंक के मामले में पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे. एनएसओ कह रही है कि दुनिया की किसी भी देश की सरकार जानकारी मांगेगी तो हम मदद के लिए तैयार हैं, और हमारी भारत सरकार जानकारी ही नहीं मांग रही. इस कंपनी ने 45 देशों को अपना सॉफ्टवेयर बेचा है. इजरायल के रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद से ही कंपनी अपना सॉफ्टवेयर किसी भी देश को बेचती है.