जजों को नियुक्त करने वाली सुप्रीम कोर्ट की संस्था कोलेजियम के फैसले को लेकर विवाद हो गया है. कोलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के पांच जज होते हैं. इस कोलेजियम ने 12 दिसंबर की बैठक में तय किया कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद मेनन और राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग का प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट में होगा। मगर उस बैठक के बाद सरकार को बैठक का फैसला ही नहीं भेजा गया। करीब एक महीने बीत जाने के बाद 10 जनवरी को कोलेजियम की बैठक होती है और इन दोनों नामों को बदल दिया जाता है. दो नए नाम जोड़ दिए जाते हैं. इस बीच होता यह है कि कोलेजियम के एक सदस्य जस्टिस मदन बी लोकुर 31 दिसंबर को रिटायर हो जाते हैं. 10 जनवरी को कोलेजियम में की फिर से बैठक होती है, इस बार जस्टिस मदन बी लोकुर की जगह जस्टिस अरुण मिश्रा सदस्य बनते हैं और 12 दिसंबर के फैसले को पलट दिया जाता है। अब जो दो नए नाम पर सहमति बनती है वो हैं जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली हाई कोर्ट के जज संजीव खन्ना.