अंतिम चरण का मतदान करने के बाद लौटते हुए प्रधानमंत्री कार से बाहर लटके थे और अपनी उंगली दिखाकर इशारा कर रहे थे कि वोट किया है. आमतौर पर नेता ऐसा करते हैं लेकिन इस बार प्रधानमंत्री रोड शो की तरह उंगली दिखाते हुए चले जा रहे थे. न भी चलते तो भी वोट देने की उनकी तस्वीर टीवी पर कई बार चलती ही मगर क्या उनका ऐसा करना रोड शो था, क्या उन्होंने मर्यादा तोड़ी है क्योंकि वे प्रधानमंत्री हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मतदान के बाद जब उन्होंने चुनाव चिन्ह का प्रदर्शन किया था तब विवाद हुआ था. क्या प्रधानमंत्री को मतदान के लिए कुछ ऐसा करना चाहिए था जिससे लगे कि वे प्रचार कर रहे हों. फिर प्रचार बंद करने का क्या मतलब हो जाता है. यह सवाल उठे हैं. एक सवाल प्रधानमंत्री को लेकर उठे हैं और दूसरा सवाल चुनाव आयोग को लेकर उठा है कि आयोग क्या कर रहा है.