लिंगायत बिरादरी कर्नाटक की राजनीति में हमेशा से अहम रही है. बीजेपी के लिंगायत नेता येदियुरप्पा के आसपास रही ये बिरादरी क्या अब कांग्रेस के साथ जाएगी, क्योंकि राज्य की कांग्रेस सरकार ने लिंगायतों को अलग धार्मिक अल्पसंख्यक दर्जा दिया है. बदले माहौल में लिंगायत मठों की भूमिका बढ़ गई है जो बिरादरी पर अच्छा खासा असर रखते हैं. राज्य में 14% से ज़्यादा आबादी इनकी है. राज्य के 22 में से 8 मंत्री भी इस बिरादरी से ही हैं.