सूखे से बदहाल मराठवाड़ा में अगर सबसे ज्यादा कोई धंधा फूल-फल रहा है, वो है प्राइवेट टैंकरों का। सरकारी कानून के मुताबिक टैंकर का आखिरी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन इस टैंकर बूम के पीछे सिर्फ प्यास नहीं है, बल्कि टैंकरों के ज्यादातर ठेके नेताओं के पास हैं।