आंध्र प्रदेश के तिरुपति के रुइया अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा आने से 11 मरीजों की मौत हो गई. तेलंगाना के भी 1-2 अस्पतालों से ऐसी खबर आई है लेकिन प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है. न जाने कहां-कहां इस तरह से नरसंहार जारी है. आम तौर पर नरसंहार की खबरें बिना पुष्टि के बाहर आ जाती हैं, मगर ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों को प्रशासन की पुष्टि का इंतजार करना पड़ता है. रुइया अस्पताल की तस्वीरें इतनी भयावह हैं कि हम नहीं दिखा रहे हैं. उधर बिहार के बक्सर और यूपी के गाजीपुर जिले के गहमर के पास गंगा में कई लाशें बहती हुई मिली हैं. इनकी संख्या 40 से लेकर 100 तक बताई जा रही है. ये सिर्फ कहीं से बहती चली आ रही लाशें नहीं हैं बल्कि एक आंकड़ा भी है, जो मुमकिन है कि सरकारी रिकार्ड से गायब हो. दो राज्यों के प्रशासनों के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि लाशें उनके यहां से नहीं बहाई गई हैं, कहीं और से बहाई गई हैं. इसलिए कहता हूं कि आज के भारत में आंकड़े श्मशान में मिलते हैं, सरकार में नहीं. क्या पता कोई आर्थिक तंगी की वजह से अंतिम संस्कार न कर पाया हो. बिहार सरकार ने कहा है कि 71 लाशों को अंतिम संस्कार कर दिया गया है. यूपी सरकार को सतर्क रहना चाहिए.