बनारस के संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय का भी हाल देखा, इमारत शानदार है, इतिहास शानदार है मगर वर्तनाम शर्मसार है. समस्या यह है कि जिनका संस्कृत से कोई लेना-देना नहीं है, वो संस्कृत के नारे लगा रहे हैं. जिनका संस्कृत से संबंध है, उनके नारों को कोई सुनने वाला नहीं है.