बन तो रहा है इतिहास, मगर कक्षा इतिहास की नहीं है. सिलेबस तो कॉमर्स, टैक्सेसन का है. अखबारों में जीएसटी को लेकर अलग-अलग सेक्टर की परेशानियों की ख़बरें भी छप रही हैं, लेकिन इन सबको छोटी-मोटी दिक्कतें बताते हुए सरकार अपनी तय की हुई मंज़िल पर पहुंच चुकी है. 1 जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू हो रही है. सरकार के लिए यह मौका इतना बड़ा है कि वो इसे आज़ादी के लैंडमार्क की तरह पेश करना चाहती है,