कर्नाटक सरकार का कहना है कि हिंसा नस्लभेदी नहीं थी। यह रोड रेज का मामला है। रोड रेज, मतलब दुर्घटना से लोग गुस्सा गए और जो भी मिला उसे पीट दिया या सामने वाले को पीटकर अपना गुस्सा शांत कर लिया। वैसे यह भी एक किस्म का मानसिक रोग है जैसे नस्लभेद एक रोग है। हमारे भीतर किसी रूप में हिंसा होती है जो ऐसे मौकों पर बाहर आ जाती है। कई लोग खूनी बन जाते हैं।