प्रकाशित: अप्रैल 02, 2015 09:00 PM IST | अवधि: 46:05
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यह बात सार्वजनिक रूप से जाहिर नहीं है कि खेमका के तबादले में सिविल सर्विसेज बोर्ड की कोई भूमिका रही है या नहीं लेकिन एकाध बार को छोड़कर उन्होंने कहीं टिक कर काम नहीं किया। करने नहीं दिया गया। केंद्र के कार्मिक मंत्रालय ने जनवरी 2014 में नियम भी बना दिया कि आईएएस आईपीएस और आईएफएस की पोस्टिंग कम से कम दो साल की होगी। सरकार बदलने से ईमानदार अफसरों के दिन नहीं बदलते। इनका इस्तेमाल विपक्ष में ही ज्यादा अच्छा होता है। ऐसा ही मामला हरियाणा के ही संजीव चतुर्वेदी का है। 5 साल में 12 तबादले हुए हैं।