अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद आखिरकार भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं है और सत्ता परिवर्तन बिना संवाद के हुआ है. इससे नई व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं.