आज चर्चा करेंगे, जो कुछ पंजाब में हो रहा है. पंजाब में राजनीतिक रस्साकशी काफी दिनों से कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच चल रही थी, जिस पर काफी मशक्कत के बाद कांग्रेस आलाकमान ने आखिरकार एक फैसला लिया. लेकिन उसके पहले तीन सदस्यीय एक समिति भी बनाई. उस समिति ने सभी विधायकों से और सभी सांसदों से मुलाकात की. उसके बाद समिति ने कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपी. आलाकमान ने फैसला लिया कि पंजाब के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू होंगे. हालांकि कैप्टन इस बात पर अड़े रहे कि एक सिख के मुख्यमंत्री होते हुए पंजाब में प्रदेश अध्यक्ष किसी हिंदू को होना चाहिए. क्योंकि करीब चार-पांच जिले ऐसे हैं, जहां हिंदू बहुतायत में हैं.