मध्य प्रदेश में भी पानी का संकट भीषण हो गया है. राज्य के साढ़े तीन सौ से अधिक नगर निकाय हैं. ये निकाय पानी नहीं दे पा रहे हैं. कहीं तीन दिन बाद पानी आ रहा है तो कहीं दो दिन बाद. अब इसकी कई वजहों में एक वजह घोटाला भी है. यह घोटाला देश के दूसरे हिस्सों में भी हो रहा होगा, लेकिन अनुराग द्वारी की यह रिपोर्ट रास्ता बता रही है कि पानी बचाने के नाम पर क्या हो रहा है. मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने 15 सालों में नल जल योजना पर 35,000 करोड़ खर्च किया. लेकिन पानी मिला मात्र 6 फीसदी ग्रामीण आबादी को. पैसा कहां गया और पानी कहां गया. भ्रष्टाचार के खेल में पैसा नेता ही नहीं हज़ारों अफसरों कर्मचारियो की जेब में भी गया होगा. लेकिन कीमत लोग चुका रहे हैं. आगर मालवा से ज़फ़र सिंगरौली से देवेंद्र, छतरपुर से अरविंद, डिडौरी से डेविड, मंदसौर से मनीष, झाबुआ से सचिन, कटनी से आरबी गुप्ता, देवास से अरविंद, बड़वानी से मुनाफ, भिंड से दिलीप, रतलाम से साजिद और अनुराग द्वारी ने मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है.