न भागा हूं न भगोड़ा हूं, यह किसी कवि की कविता का मुखड़ा नहीं है बल्कि अपनी इच्छानुसार नियमों के तहत विदेश गए विजय माल्या जी का ट्वीट है। विजय माल्या जी विदेश क्या चले गए हैं देश में रहने वाले दो दलों के नेता और सिस्टम को कमज़ोर आदमी के अनुकूल बनाने वाले लोग बहस कर रहे हैं। यह बहुत बुरा हो रहा है कि किसी व्यक्ति का विदेश जाना लोगों को बुरा लग रहा है।