झारखंड ने ‘स्थानीयता’ के लिए 1932 खतियान को आधार बनाया

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  • प्रकाशित: सितम्बर 15, 2022
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बुधवार को प्रदेश में ‘स्थानीयता’ तय करने के लिए 1932 के खतियान को आधार बनाने का निर्णय लिया है. इसका मतलब है कि झारखंड में 1932 से पहले जिनकी पैतृक जमीन होगी उन्हीं को वहां के मूल निवासी के तौर पर मान्यता दी जाएगी.

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