ये जो वीडियो आपने देखा देहरादून से है, 28 जून का यह वीडियो वायरल वायरल हो चुका है लेकिन जो इसमें दिख रहा है उसमें देखने के लिए कई बातें हैं. एक अध्यापिका हैं जो सिस्टम से झुंझलाई हुई हैं, उनकी कोई नहीं सुन रहा है, सामने एक मुख्यमंत्री हैं जो बैठे तो हैं सुनने के लिए मगर सुनते ही झुंझला जा रहे हैं, एक मीडिया है जो कभी आम लोगों की समस्या से वास्ता नहीं रखता मगर एक मुख्यमंत्री ने बेअदबी की है तो उसमें चटखारे ले रहा है. एक चौथा एंगल और है जो उस वीडियो में ग़ौर से देखने पर दिख सकता है. वो है नौकरशाही, जिसे आप व्यवस्था कहते हैं. जिसे चलाने के लिए जनता से वोट लेकर कोई मुख्यमंत्री बनता है. इन सबकी नाकामी है अध्यापिका उत्तरा बहुगुणा का मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखते हुए बिफ़र जाना जिसे मुख्यमंत्री नहीं झेल सके. सस्पेंड कर देना, थाने भिजवा देना टाइप की भाषा बोलने लगे जो आम तौर पर अपनी सरकार बनते ही पाटच् के छुटभैये ज़िलों में छोटे अधिकारियों से वसूली के समय बोलने लगते हैं.