भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी किताब में गलवान घाटी की घटना पर विस्तार से बात की. उन्होंने लिखा कि लद्दाख में 20 जवानों की शहादत वाला दिन उनकी जिंदगी का सबसे दुखद दिन था. और ये दिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कभी नहीं भूल जाएंगे.