गाज़ा की रात फिर बमों और गोलियों से दहशत में डूब गई। मंगलवार देर रात इज़रायली वायुसेना ने गाज़ा पट्टी पर जबरदस्त हवाई हमले किए, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। बुरैज शरणार्थी शिविर, सबरा इलाका और खान यूनिस सबसे ज़्यादा प्रभावित रहे। मलबे में दबे अपनों को ढूंढते लोग, रोते बच्चे और भागते परिवार — हर दृश्य इंसानियत की चीख़ है। इज़राइल ने हमास पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगाया, जबकि हमास ने उल्टा इज़राइल को ही दोषी ठहराया। बंधकों के शवों की अदला-बदली को लेकर विवाद और गहरा गया है। अमेरिकी मध्यस्थता से हुआ संघर्षविराम अब सवालों के घेरे में है। गाज़ा के अस्पतालों में घायल भरते जा रहे हैं, और आसमान में लड़ाकू विमान मंडरा रहे हैं। 68,000 से ज़्यादा मौतें, हज़ारों लापता — हर मलबा एक अधूरी कहानी है। शांति का वादा फिर टूट गया है, और दुनिया एक बार फिर देख रही है कि इंसानियत की परीक्षा अभी खत्म नहीं हुई।