20 रुपए की शीशी कैसे किसानों को मालामाल कर रही है...इसका जीता जागता उदाहरण पंकज वर्मा हैं. डेढ़ लाख की प्राइवेट कंपनी की नौकरी छोड़कर किसान बन गए और आज वेस्ट डिकंपोजर की बीस रुपए की इस शीशी की मदद से फ्रांस दूतावास को जैविक मशरुम और आस्ट्रेलियन दूतावास तो किन्नू खिला रहे हैं. यहां नहीं जिस पराली जलाने की समस्या से परेशान सरकार ने सब्सिडी पर पांच सौ करोड़ खर्च कर दिए हों लेकिन बीस रुपए की एक शीशी किसानों के कहीं ज़्यादा काम आ रही है.