असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी से बाहर हुए लोगों के अधिकारों पर अभी कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा. इस मामले में विदेशी मीडिया की कुछ ख़बरों से फैल रहे भ्रम को ख़त्म करने के लिए ख़ुद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार सामने आए. उन्होंने कहा कि एनआरसी से बाहर होने से असम में रह रहे लोगों के अधिकारों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जिन लोगों के नाम इस सूची में नहीं वो अपने सभी अधिकारों का पहले की तरह इस्तेमाल करते रहेंगे जब तक उनकी सुनवाई के सभी विकल्प समाप्त नहीं हो जाते. गृह मंत्रालय की ओर से जारी लिस्ट में 19 लाख 6 हज़ार 657 लोगों के नाम नहीं हैं. ये लोग Foreigner's Tribunal में अपील कर सकते हैं. उसके बाद हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में अपील का रास्ता भी उनके लिए खुला है.