संयुक्त राष्ट्र शांति दूत और चिंपैंजी विशेषज्ञ डॉ जेन गुडॉल ने कहा, "हमें इस बेतुके विचार को त्यागना चाहिए कि सीमित प्राकृतिक संसाधनों और बढ़ती मानव आबादी वाले ग्रह पर असीमित आर्थिक विकास हो सकता है." स्वस्थ भारत, संपन्न भारत टेलीथॉन के विशेष सत्र में डॉ गुडॉल ने प्रकृति से हो रहे खिलवाड़ पर प्रकाश डाला.