कोराना संक्रमण पर पूरी दुनिया भारत सहित तेजी से कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. लेकिन कई देशों में हालत अब भी उतनी तेजी से नहीं सुधरी है. कोरोना के कई वैक्सीन के आने से दुनिया के कई देश राहत भी महसूस कर रहे हैं, लेकिन इसे दुनिया में सभी देशों तक पहुंचाना काफी मुश्किल है. कोरोना को लेकर अभी भी लोगों में कई सवाल हैं. कई भ्रांतियां हैं. कई अफवाहें हैं. इन्हीं सवालों और उलझनों के साइंटिफिक जबाव के लिये NDTV ने एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया से बातचीत की. डॉ गुलेरा ने बातचीत में कहा, “अभी तक हम ये कह सकते हैं कि कोरोना यहां से गया नहीं है. हमें सतर्क रहने की बहुत जरूरत है. क्योंकि कुछ देशों में यही देखने को मिला था कि जब कोरोना के मामले कम हुए थे, तब एकाएक से कोरोना के मामले बढ़ने लग गए थे. इसलिए इसको रोकने के लिए हमें दो चीजें करने की बहुत आवश्यकता है. एक तो कोविड प्रोटोकॉल को फालो करें, दूसरा जैसे-जैसे लोगों की वैक्शीनेशन की बारी आती है, हम आगे आकर वैक्सीन लगवाएं. जिससे हमारी इम्यूनिटी बढ़े और वायरस का जो चैन ऑफ ट्रांसमिशन है, उसे हम रोकें. तभी हम इसे रोक पाएंगे. क्योंकि अभी तक हम इस लड़ाई से जीते नहीं हैं.”