बंगाल चुनाव (Bengal election) के चौथे चरण में मतदान (Voting in the fourth phase) के दौरान शनिवार को हुई हिंसा (Bengal violence) पर चुनाव आयोग (Election commission) ने कहा है कि सुरक्षाबलों ने जिंदगी बचाने के लिए फायरिंग की है. चुनाव आयोग (Election commission) का यह बयान इसलिए आया है, क्योंकि मतदान के समय हुई हिंसा को काबू करने के लिए सीआईएसएफ ने फायरिंग की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई है. हालांकि टीएमसी का दावा है कि मरने वालों की संख्या पांच है. जिसपर चुनाव आयोग ने रिपोर्ट मांगी थी. कूचबिहार के सितालकुची विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर शनिवार को सुबह करीब 11 बजे बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी. रिपोर्ट्स के अनुसार झड़प में दोनों तरफ से बम और गोलियों का इस्तेमाल हुआ. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीआईएसएफ की तरफ से फायरिंग की गई. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई. इस पूरी घटना पर चुनाव आयोग का कहना है कि यह हिंसा गलतफहमी की वजह से हुई है. सुबह जब केंद्रीय सुरक्षा बल सितालकुची में मतदान केंद्र के पास एक बीमार लड़के की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, तब कुछ स्थानीय लोगों ने सोचा कि लड़के को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ वाले उसे पीट रहे हैं. इसी गलतफहमी में वहां 300-350 ग्रामीण जमा हो गए. इसी गलतफहमी के कारण उतेजित भीड़ ने मतदान केंद्र पर घातक हथियारों के साथ हमला कर दिया. इसके बाद बचाव में सुरक्षाकर्मियों ने पहले हवा में फायरिंग की लेकिन उससे भीड़ पीछे नहीं हटे. अंत में ईवीएम और अन्य मतदान सामग्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अपनी जान बचाने के लिए मजबूरन सुरक्षाबलों को फायरिंग करना पड़ा. क्योंकि सुरक्षाबलों के पास इसके सिवा कोई अन्य विकल्प नहीं था.