सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण और मर्जर के खिलाफ सरकारी बैंक कर्मचारी दो दिनों तक हड़ताल पर रहे. कांग्रेस नेता समर्थन करते हुए संसद में इसका मुद्दा उठाया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ बैंकों के निजीकरण की योजना, उनके हालात को मजबूत करने के लिए बनाई गई है, और इस प्रक्रिया के दौरान जो सरकारी बैंकों के कर्मचारी हैं, उनके हितों की सुरक्षा सरकार करेगी. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में यह मुद्दा उठाकर आरोप लगाया कि सरकार के गलत नीतियों की वजह से सरकारी बैंकों के करीब 13 लाख कर्मचारी असुरक्षित हो गए हैं.