बाल दिवस हमारे जीवन में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. एक बच्चे को मुस्कुराते हुए देखने का आनंद सबसे कीमती अनुभव होता है, लेकिन दुख की बात है कि देश के हर बच्चे के लिए यह हकीकत नहीं है. वास्तव में, कई ऐसे हैं जो गुलामी की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं और उनका यौन शोषण किया जाता है. लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जो पिछले चार दशकों से हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए काम कर रहा है और वो हैं नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी. सत्यार्थी बाल अधिकारों के लिए अभियान चला रहे हैं.
यौन शोषण की शिकार बालिकाओं को समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए और अभी दान करने के लिए इस
लिंक पर क्लिक करें.