जिस उम्र में उसे उज्ज्वल भविष्य के सपने देखने चाहिए थे, उस उम्र में रुबीना को एक तस्कर ने अगवा कर बेच दिया था. तस्कर, पूजा दीदी, ने बिहार में रुबीना को नशीला पदार्थ दिया और उसे 2,200 डॉलर में शादी के लिए हरियाणा के एक व्यक्ति को बेच दिया. उसके साथ हर दिन बलात्कार किया जाता था जब तक कि एक दिन उसे अपने माता-पिता को मदद के लिए बुलाने का अवसर नहीं मिला. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) की टीम ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए लड़की का सुरक्षित बचाया.