बाल विवाह एक सदियों पुरानी सामाजिक बुराई है, जो हमारे समाज में अनादि काल से प्रचलित है. इसमें जाति, संस्कृति या धर्म की कोई बाधा नहीं है।.भारत दुनिया में बाल वधुओं की सबसे बड़ी संख्या का घर है, जहां 8 साल की उम्र की लड़कियों की शादी अपने से बड़े पुरुषों से कर दी जाती है. बाल विवाह की बुराइयों से लड़ने के लिए, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) और एनडीटीवी #जस्टिस4एवरीचाइल्ड - चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया को लेकर एक बार फिर से आए हैं. बाल विवाह की बुराइयों से 30 मिलियन लड़कियों को बचाने के लिए यह एक अखिल भारतीय अभियान है.