अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने कहा है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है. वो बढ़ तो रही है, लेकिन बढ़ने की रफ्तार बेहद धीमी है. बल्कि दो साल पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था ऊपर की तरफ जा रही थी, लेकिन अब धीमी होने लगी है. इस वक्त दुनिया की 90 फीसदी अर्थव्यवस्थाएं ढलान पर हैं. 2019-20 में आर्थिक विकास दर पिछले दस साल में सबसे कम होगी. अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में बेरोज़गारी ऐतिहासिक रूप से कम है, लेकिन वहां भी आर्थिक गतिविधियां नरम पड़ती जा रही है. वैश्विक कारोबार रुक सा गया है. भारत और ब्राज़ील जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था पर मंदी का असर होने वाला है. आईएफएफ की अगले सप्ताह वाशिंगटन में बैठक होने वाली है, जिसमें 189 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. क्रिस्टालिना ने कहा कि उन्होंने सदस्य देशों से समाधान के साथ आने के लिए कहा है.