असम में ये मॉनसून की बारिश के दिन हैं, लेकिन चिरांग जिले के बिष्णुपुर गांव में तीन लोगों के घर में एक नई धूप खिली है. 59 साल की मधुबाला मंडल आखिरकार घर लौट पाई हैं. क़रीब तीन साल बाद वो अपनी बेटी फूलमाला मंडल और नतिनी से मिल रही है. मधुबाला मंडल को तीन साल कोकराझार के डिटेंशन सेंटर में काटने पड़े. उसे असम पुलिस ने 2016 में विदेशी बता कर गिरफ़्तार कर लिया था. पुलिस एक मधुमाला दास को खोजने आई थी जो उसी गांव में रहती थी. लेकिन वो 20 साल पहले गुज़र चुकी थी. उसे एक स्थानीय विदेशी ट्राइब्युनल ने विदेशी बताया था. आख़िर असम पुलिस ने माना कि ये ग़लत पहचान का मामला था.