उत्तराखंड सरकार ने यूपी के बाहुबली नेता राजा भैया की पत्नी की जमीन की जब्त, जानें क्या है पूरा मामला

ऐसा माना जाता है कि राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह अब अलग-अलग रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक में स्थित सिल्टोना गांव में 27.5 नाली (जो आधे हेक्टेयर से अधिक है) जमीन 17 साल पहले विधायक ने अपनी पत्नी के नाम पर आनंद बल्लभ नामक स्थानीय निवासी से खरीदी थी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल जिले में उत्तर प्रदेश के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया की पत्नी के नाम पर पंजीकृत आधे हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जब्त कर ली है, क्योंकि जिस उद्देश्य से यह जमीन ली गई थी उसके लिए जमीन का उपयोग नहीं किया जा रहा था.

कैंची धाम के उपजिलाधिकारी विपिन चंद्र पंत ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में पटवारी (राजस्व अधिकारी) रवि पांडे ने जेडएएलआर (संशोधन) अधिनियम की धारा 154 (4) (3) (बी) का उल्लंघन करने के लिए उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार (संशोधन) अधिनियम, 1950 की धारा 167 के तहत जमीन जब्त करने की औपचारिकताएं शुक्रवार को पूरी कीं.

क्यों जब्त की गई जमीन
अधिकारी ने बताया कि जेडएएलआर (संशोधन) अधिनियम की धारा 154 (4) (3) (बी) के तहत भूमि को खरीदे जाने के दो साल के भीतर स्वीकृत उद्देश्य के लिए उसका उपयोग किया जाना आवश्यक है. पंत ने बताया, ‘‘लंबे समय से इस जमीन पर किसी भी तरह का खेती या किसानी से जुड़ा कोई काम नहीं हो रहा था.''

Advertisement

ऐसा माना जाता है कि राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह अब अलग-अलग रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक में स्थित सिल्टोना गांव में 27.5 नाली (जो आधे हेक्टेयर से अधिक है) जमीन 17 साल पहले विधायक ने अपनी पत्नी के नाम पर आनंद बल्लभ नामक स्थानीय निवासी से खरीदी थी.

Advertisement

कोर्ट में हुआ अपील खारिज
एक नाली भूमि लगभग 2,500 वर्ग फुट के बराबर होती है. राजस्व विभाग द्वारा भूमि जब्त करने की कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद भानवी सिंह ने आयुक्त की अदालत और राजस्व बोर्ड में कार्रवाई की वैधता को चुनौती दी. लेकिन उनकी अपील खारिज कर दी गई जिसके बाद राज्य सरकार ने उनकी जमीन जब्त कर ली.

Advertisement

ऐसा माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य में भूमि के लिए लाए जाने वाले सख्त कानून के अनुरूप ही यह जमीन जब्त की गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में देहरादून में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया था कि राज्य में जल्द ही सख्त भूमि कानून लाए जाएंगे ताकि लोगों को असीमित भूमि खरीदने से रोका जा सके और राज्य में ‘भूमि बैंक' तैयार किए जा सकें. उन्होंने बताया था कि संभवतः अगले विधानसभा सत्र तक भूमि कानून लाए जाने की संभावना है.

Advertisement

उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि खरीददारों द्वारा खरीद के समय बताए गए उद्देश्य के लिए जिस भूमि का उपयोग नहीं किया जा रहा है उसे राज्य सरकार वापस ले लेगी. उन्होंने बताया था कि ऐसी जमीनों की सूची तैयार की जा रही है.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हाल ही में कुमाऊं के दौरे के दौरान अधिकारियों को मुख्यमंत्री के इस फैसले के बारे में जानकारी दी थी और उनसे कहा था कि वे अपने क्षेत्रों में उन भूमि सौंदों पर ध्यान दें जिसका उपयोग खरीद के समय बताए गए उद्देश्य के लिए नहीं किया जा रहा है.

मुख्य सचिव द्वारा क्षेत्र का दौरे किए जाने के एक सप्ताह से भी कम समय बाद राजा भैया के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. रघुराज प्रताप सिंह को जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के विधायक के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुंडा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले एक मजबूत नेता के रूप में जाना जाता है.

Featured Video Of The Day
US में आ सकता है ऐसा Law जिससे छात्र पढ़ाई के बाद नहीं हासिल कर पाएंगे नौकरी का Work Experience