- उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे
- बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का औपचारिक समापन हो जाएगा
- केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट 23 अक्टूबर को तथा गंगोत्री के कपाट 22 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद किए गए थे
उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वविख्यात बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का औपचारिक समापन हो जाएगा. मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार अपराह्न दो बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिए जाएंगे.
बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा. गढ़वाल हिमालय के चार में से तीन धामों के कपाट पहले ही बंद किए जा चुके हैं. केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट 23 अक्टूबर को, जबकि गंगोत्री के कपाट 22 अक्टूबर को दिवाली के अगले दिन अन्नकूट पर्व पर बंद किए गए थे. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी और भीषण ठंड के कारण चारों धाम के कपाट हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिए जाते हैं, जिन्हें अगले वर्ष अप्रैल–मई में पुनः खोला जाता है.
करीब छह महीन तक संचालित की जाने वाली चारधाम यात्रा को प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. इस वर्ष अब तक चारधाम यात्रा में देश-विदेश से करीब 51 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जिनमें हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने आए 2.74 लाख श्रद्धालु भी शामिल हैं.
प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार यमुनोत्री में 6.44 लाख, गंगोत्री में 7.58 लाख, केदारनाथ में 17.68 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किया, जबकि बदरीनाथ में रविवार तक 16.47 लाख श्रद्धालु पहुंचे.














