उत्तराखंड के चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक के दूरस्थ सील गांव के बरुड़ी तोक की सड़क बीते दिनों आई आपदा से पूरी तरह बह गई. बाढ़ के बाद से गांव को जोड़ने वाली दोनों सड़कें बंद पड़ी हैं. ऐसे में यह गांव बाकी जगहों से कट चुका है. लेकिन गांववालों को एक-दूसरे से इंसानियत और आत्मीयता का संपर्क नहीं टूटा. ये हर दिन बढ़ता जा रहा है. इसी इंसानियत के रिश्ते की वजह से 60 साल की लक्ष्मी देवी को समय रहते अस्पताल पहुंचाया जा सका. सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों ने लक्ष्मी देवी को डोली के सहारे करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया है. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है.
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ये है पूरा मामला
सील गांव में रहने वाले जोगा सिंह की पत्नी लक्ष्मी देवी की तबीयत सोमवार को अचानक खराब हो गई. रास्ता बंद होने के कारण अस्पताल ले जाने में दिक्कत आ रही थी. ऐसे में ग्रामीण मदद के लिए आगे आए. ग्रामीण बुजुर्ग महिला को डोली के सहारे 3 किलोमीटर तक उबड़-खाबड़ और टूटे रास्तों से होते हुए 3 घंटे बाद अस्पताल लेकर पहुंचें.
ग्रामीणों ने की सड़क खोलने की मांग
ग्रामीणों ने बताया गंगाली और नेत्र सलान की सड़क पूरी तरह बंद पड़ी है, जिस कारण क्षेत्र में काफी दिक्कतें हो चुकी हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क खोलने की मांग की है.
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता?
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिंह ने बताया, "सड़क बंद होने के कारण रोजमर्रा के कामों में परेशानियां आती हैं. गांव के युवा रोजगार की तलाश में बाहर निकल चुके हैं. गांव में अब कुछ ही युवा बचे हैं. सड़क बंद होने के कारण महिला को डोली के सहारे सड़क तक लाया गया. प्रशासन को जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत करवाकर उसे ग्रामीणों के लिए खोलना चाहिए."
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