- धराली गांव में बादल फटने से आई तबाही के बाद कई लोग अभी भी लापता हैं और मलबा फैला हुआ है.
- अब चमोली के थराली में भी बादल फटने से मकान, दुकानों तथा सरकारी भवनों को नुकसान पहुंचा है.
- थराली में दो लोग लापता हैं जबकि एक व्यक्ति के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका जताई गई है.
Tharali Cloud Burst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले का धराली गांव बादल फटने के बाद आई तबाही से अभी तक उबर नहीं पाया है. यहां रह रहे कई लोग अभी भी लापता हैं. जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. गांव के अधिकांश हिस्सों पर लाखों टन मलबा बिखड़ा है. 5 अगस्त को आए इस भीषण हादसे ने धराली को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया था. अब ऐसा ही तबाही चमोली के थराली में भी हुई है. जिसके बाद वहां SDRF, ITBP और स्थानीय पुलिस प्रशासन की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी है. इस राहत-बचाव कार्य की कुछ तस्वीरें सामने आई है. जिसे देखकर थराली के हालात को समझा जा सकता है.
धराली में बादल फटने के बाद राहत-बचाव कार्य में लगे आईटीबीपी के जवान.
दरअसल 22–23 अगस्त की रात चमोली जिले के थराली तहसील में बादल फटने से आई बाढ़ एवं मलबे के प्रवाह ने कई आवासीय मकानों, दुकानों, तहसील परिसर तथा उपजिलाधिकारी के सरकारी आवास को अपनी चपेट में ले लिया.
इस हादसे के बाद प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कम-से-कम दो व्यक्ति लापता हैं तथा एक अन्य व्यक्ति के सगवाड़ा गाँव में मलबे के नीचे दबा होने की आशंका है. थराली एवं आसपास के गाँवों को जोड़ने वाले कई मार्ग मलबे के कारण अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
थराली में राहत-बचाव कार्य के लिए जाते आईटीबीपी के जवान.
बताया जाता है कि रातभर हुई तेज बारिश के कारण टूनरी गधेरे में बाढ़ आ गई और मलबा पिंडर नदी में मिलने से पहले तहसील परिसर तथा आसपास के घरों में घुस गया. इस आपदा के बाद से दो लोग लापता है. पुलिस और प्रशासन की और से राहत और बचाव कार्यों किया जा रहा है. SDRF की टीम के साथ-साथ आईटीबीपी के जवान भी राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं.
सेना से मिली जानकारी के अनुसार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने अपनी 8वीं वाहिनी, गोचर से एक प्लाटून बल को तैनात किया. यह दल प्रातः 08:30 बजे गोचर से रवाना होकर लगभग 10:30 बजे थराली पहुँचा.
थराली पहुँचते ही आईटीबीपी के जवानों ने राहत एवं बचाव कार्यों की शुरुआत की और प्रभावित ग्रामीणों को तत्काल सहायता प्रदान की. साथ ही, चेपड़ा गाँव में एक लापता व्यक्ति की तलाश हेतु सर्च ऑपरेशन भी जारी है.
आईटीबीपी, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ एवं पुलिस के साथ समन्वय में कार्य कर रही है तथा हरसंभव सहयोग उपलब्ध करा रही है. बल पुनः यह सुनिश्चित करता है कि प्राकृतिक आपदाओं की घड़ी में भी वह जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा और अपने मूलमंत्र “शौर्य – दृढ़ता – कर्मनिष्ठा” को सार्थक करता रहेगा.
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