उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष के 10 पदों पर भाजपा का कब्जा, कांग्रेस को एक सीट

भाजपा ने टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चंपावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर जीत हासिल की.

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देहरादून:

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो गई है. राज्य के 12 जिलों में पंचायत चुनाव हुए हैं, केवल हरिद्वार में अभी चुनाव नहीं हुए हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत उपाध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख और कनिष्ठ प्रमुख के पदों के विजेता घोषित कर दिए गए हैं. 10 जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर सत्तारूढ़ BJP ने कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली.

14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए मतदान हुआ. इनमें से 5 जिलों में पहले ही निर्विरोध प्रत्याशी निर्वाचित हो गए थे. शेष 7 जिलों में मतदान हुआ. इनमें से 5 जिलों में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी विजयी रहे. देहरादून जिले में कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी विजयी हुआ, जबकि एक जिले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया.

भाजपा ने टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चंपावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर जीत हासिल की.

जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर विजयी प्रत्याशी

  • टिहरी – इशिता सजवाण (भाजपा)
  • उधमसिंह नगर – अजय मौर्य (भाजपा)
  • चंपावत – आनंद सिंह अधिकारी (भाजपा)
  • पिथौरागढ़ – जितेंद्र प्रसाद (भाजपा)
  • उत्तरकाशी – रमेश चौहान (भाजपा)
  • चमोली – दौलत सिंह बिष्ट (भाजपा)
  • अल्मोड़ा – हेमा गैड़ा (भाजपा)
  • रुद्रप्रयाग – पूनम कठैत (भाजपा)
  • पौड़ी – रचना बुटोला (भाजपा)
  • बागेश्वर – शोभा आर्या (भाजपा)
  • देहरादून – सुखविंदर कौर (कांग्रेस)
  • देहरादून में कांग्रेस की अहम जीत

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, कांग्रेस ने जिस सीट पर जीत हासिल की है वह अन्य सभी 10 सीटों पर भारी पड़ती है, क्योंकि यह राजधानी देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट है. कांग्रेस की सुखविंदर कौर इस सीट पर विजयी हुई हैं. देहरादून जिले में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 9 पर भाजपा विधायक हैं और एक पर कांग्रेस विधायक. ऐसे में यह जीत कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है.

नैनीताल में हंगामा और हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान भारी हंगामा हुआ. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण कर लिया, जो मतदान में वोटर होते हैं. मामला बढ़ने पर यह नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने 18 अगस्त को दोबारा चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश दिए.

कांग्रेस का दावा है कि उनके पास 15 सदस्यों का समर्थन है, जबकि भाजपा के पास 12 सदस्यों का समर्थन था. कांग्रेस के पास 10 सदस्यों का समर्थन था, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि उनके 5 समर्थक सदस्यों का अपहरण किया गया.

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