जिले के राजापुर औद्योगिक क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्व बनाने वाली एक निजी फैक्ट्री को लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरक (खाद) बनाते हुए पाया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के निर्देश पर राजापुर औद्योगिक क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त एक निजी कारखाने-गोविन्द इन्डस्ट्रीज पर शुक्रवार की दोपहर छापेमारी की गयी.
जिलाधिकारी ने फैक्टरी को सील करने का आदेश दिया है. जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने लखीमपुर कोतवाली पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने रितिक गुप्ता और मनीष कुमार गुप्ता को नामजद किया है. गौरतलब है कि रितिक को केवल सूक्ष्म पोषक तत्वों के विनिर्माण का लाइसेंस दिया गया था.
चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि फर्टिलाइजर, पैकिंग मैटेरियल आदि के अवैध स्टाक जब्त किए जाने के बाद फैक्टरी और इसके सात गोदामों को सील कर दिया गया है और पुलिस को इस मामले की संपूर्ण जांच के लिए शिकायत की गई है. अधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री का मालिक अपने लाइसेंस का उल्लंघन करते हुए नकली रासायनिक उर्वरकों का निर्माण करते पाया गया.
छापेमारी टीम में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) लखीमपुर श्रृद्धा सिंह, पुलिस उपाधीक्षक संदीप सिंह और जिला कृषि अधिकारी (डीएओ) अरविंद कुमार चौधरी शामिल थे, जिन्होंने पैकिंग और सिलाई मशीन, कृभको, इफको, पारस आदि के ब्रांड नाम वाले ताजा खाली बोरे बरामद किए.
जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने कहा, 'गोविंद इंडस्ट्रीज को केवल सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया था, न कि रासायनिक उर्वरकों को बेचने के लिए. इसके गोदाम से रासायनिक उर्वरकों की बरामदगी लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन है और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है.'
उन्होंने बताया कि खाद की अनलोडिंग और पैकिंग में लगे कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हालांकि, फैक्ट्री के मालिक- रितिक गुप्ता को पकड़ा नहीं जा सका है.
प्रतिष्ठित कंपनियों, पैकिंग सामग्री, रैपर और सिलाई मशीनों के नाम वाले खाली बैगों की बरामदगी से संकेत मिलता है कि लाइसेंसधारक नकली रासायनिक उर्वरकों के निर्माण और उन्हें प्रतिष्ठित कंपनियों के ब्रांड नाम के तहत बेचने में लगा हुआ था.
जिलाधिकारी ने बताया कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम, डीएसपी और जिला कृषि अधिकारी को उद्योग का औचक निरीक्षण करने के लिए भेजा गया था. कारखाने के दरवाजे पर एक नोटिस चिपकाया गया था जिसमें 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक फैक्ट्री बंद करने की सूचना दी गयी थी.
उन्होंने कहा, 'हालांकि, जब छापेमारी करने वाली टीमें परिसर में दाखिल हुईं, तो कई लोग डीएपी और पोटाश उर्वरकों की पैकिंग में लगे हुए पाए गए.'
उन्होंने कहा, 'अधिकारियों ने डीएपी, एनपीके, यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट, विभिन्न प्रतिष्ठित ब्रांडों के बोरो के अलावा रेत, नमक आदि का भारी मात्रा में बरामद किया गया.' उन्होंने कहा, 'एक गहन जांच शुरू की गई थी और बरामद उर्वरकों के नमूने आगे के प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए लिए गए हैं.'
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