उत्तर प्रदेश एटीएस (Uttar Pradesh ATS) ने अवैध धर्मांतरण का देशव्यापी सिंडीकेट चलाने और धर्मांतरण के लिए विदेशों से हवाला के जरिये फंडिंग के आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है.एटीएस के अनुसार, देशभर में कई मदरसों की फंडिंग कर धर्मांतरण का अवैध नेटवर्क तैयार किया गया है. मौलाना कलीम को पूछताछ के बाद अरेस्ट करके कोटर्ट के समक्ष पेश किया गया और उसकी पुलिस कस्टडी की मांग की गई है. मामले की गंभीरता के मद्देनजर यूपीएटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है.
जानकारी के अनुसार, मौलाना कलीम मूल रूप से मुजफ्फर नगर के फुलत का रहने वाला और यहीं के मदरसे में उसकी प्राथमिक शिक्षा हुई है. मेरठ के कॉलेज से बीएससी और पीएमटी प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद इस्लामी साहित्यकारों के प्रभावित होने बाद उसने एमबीबीएस करने के बजाय दारूल उलूम नदवतुल उलमा, लखनऊ में दाखिला लिया था. एटीएस के अनुसार, यह भी तथ्य सामने आए हैं कि मौलाना अपना ट्रस्ट संचालित करने के अलावा तमाम मदरसों की फंडिंग भी करता था जिसके लिए उसे विदेशों से भारी धनराशि हवाला व अन्य अवैध माध्यमों के जरिये भेजी जाती थी. एटीएस के अनुसार, मौलाना इन मदरसों की आड़ में इंसानियत का पैगाम देने के बहानेलोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का भय दिखाकर वलालच देकर इस्लाम स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता था.धर्मांतरण के लिए कलीम का खुल का लिखा साहित्य प्रयोग किया जाता था. यह साहित्य प्रिंट और ऑनलाइन दोनों रूप में उपलब्ध है. मौलाना करीम लोगों के बीच इस विश्वास को जागृत कर रहा था कि शरीयत के अनुसार बनी व्यवस्था ही न्याय दे सकती है.
गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने इसी वर्ष 20 जून को अवैध धर्मांतरण के गिरोह को संचालित करने वाले लोगों को अरेस्ट किया था. महाराष्ट्र और गुजरात से भी ये गिरफ्तारियां की गई थीं. मामले की तफ्तीश के दौरान यह बात सामने आई थी कि मूल रूप से मुजफ्फर नगर के फुलत का निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण में लिप्त है और इसके लिए विदेश से फंडिंग की जा रही थी.