BJP नेता उदयभान करवरिया की समय पूर्व रिहाई को SP विधायक ने दी इलाहाबाद HC में चुनौती

याचिकाकर्ता सपा विधायक विजमा देवी ने भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की समय पूर्व रिहाई आदेश को रद्द किए जाने की मांग की है. (प्रयागराज से दीपक गंभीर की रिपोर्ट)

Advertisement
Read Time: 3 mins
लखनऊ:

भाजपा नेता उदयभान करवरिया (Udaybhan Karvariya) की समय पूर्व रिहाई की संवैधानिकता को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में चुनौती दी गई है. इसे लेकर प्रयागराज के प्रतापपुर से समाजवादी पार्टी की विधायक विजमा देवी ने याचिका दाखिल की है. विजमा यादव के पति जवाहर यादव और तीन अन्‍य ही हत्‍या मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की दया याचिका पर राज्‍यपाल ने समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया था. इस मामले में कोर्ट ने उदयभान करवरिया को नोटिस जारी किया है. साथ ही राज्य सरकार और करवरिया से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी. 

यह आदेश जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की डबल बेंच ने दिया है. सपा विधायक की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी यादव और अभिषेक कुमार यादव ने बहस की. याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके पति की इलाहाबाद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में 13 अगस्त 1996 को सरेआम गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी, जिसकी एफआईआर मृतक के भाई सुलाकी लाल ने दर्ज कराई थी. घटना में चार की मौत हुई थी और कुछ लोग घायल हुए थे. मामले की विवेचना सीबी-सीआईडी को सौंपी गई थी, जिसने उदयभान करवरिया सहित उनके भाई कपिल मुनि करवरिया, सूरजभान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 

उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी 

ट्रायल कोर्ट प्रयागराज ने हत्या का दोषी करार देते हुए चारों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील लंबित है. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस दौरान करवरिया को 20 बार शार्ट टर्म जमानत दी गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 मई 2023 को जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इस मामले में सरकार ने केस वापस लेने की भी अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. उदयभान करवरिया इलाहाबाद के यमुनापार इलाके से दो बार विधायक भी रहे हैं. 

Advertisement

जुलाई में दिया गया था रिहाई आदेश 

संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत उदयभान करवरिया ने राज्यपाल को दया याचिका दी थी, जिस पर राज्यपाल ने 19 जुलाई 2024 को समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया था. इस आदेश की वैधता और संवैधानिकता को चुनौती दी गई है. उदयभान करवरिया ने नैनी जेल में कुल 8 साल 9 माह 11 दिन की सजा काटी है. सरकारी आदेशानुसार 14 साल की सजा काटने के बाद ही समय पूर्व रिहाई की जा सकती है. 

Advertisement

याचिका में समय पूर्व रिहाई आदेश को रद्द किए जाने की मांग की गई है. प्रयागराज की नैनी जेल में उदयभान करवरिया के भाई कपिलमुनि करवरिया, सूरजभान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी अभी बंद है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :

* क्या है वो कहानी, जिसने ले ली दो सहेलियों की जान? फर्रुखाबाद केस में पुलिस ने किए कई खुलासे
* हरियाणा चुनाव में बढ़ रहा है उत्तर प्रदेश का दखल, सपा-बसपा और आसपा पार लगाएंगे किसकी नैया
* अम्मी और समीर चाचा ने अब्बू को मार दिया... जब 5 साल के बच्चे ने खोला पिता की मौत का राज

Advertisement
Featured Video Of The Day
One Nation One Election की मंजूरी पर ललन सिंह ने क्या कहा, सुनिए
Topics mentioned in this article