विंग कमांडर व्योमिका सिंह और सपा नेता रामगोपाल यादव.
ऑपरेशन सिंदूर की आवाज बनी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए विवादित बयान का शोर अभी थमा भी नहीं है कि अब सपा नेता राम गोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति गिनाते हुए एक ऐसी टिप्पणी की, जिस कारण उनकी आलोचना की जा रही है. सोशल मीडिया पर लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर देश की सेवा में लगी आखिर इन वीरांगनाओं के साथ ऐसा सलूक क्यों किया जा रहा है? कोई नेता एक वीरांगना का धर्म गिनाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहा है तो कोई दूसरे की जाति बताते हुए अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहा है. आखिर भारतीय सेना की इन अधिकारियों को धर्म और जाति के आधार पर क्यों देखा जा रहा है?
रामगोपाल यादव ने व्योमिका सिंह की जाति गिनाते हुए क्या कहा
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा,"...वे यह भी नहीं जानते थे कि व्योमिका सिंह कौन है या उसकी जाति क्या है, न ही वे एयर मार्शल ए.के. भारती के बारे में जानते थे. अन्यथा वे उन्हें भी गालियाँ देते. मैं आपको बता दूँ - व्योमिका सिंह हरियाणा की 'जाटव ......' हैं, और एयर मार्शल ए.के. भारती पूर्णिया के यादव हैं. तीनों ही PDA सेगमेंट से थे. एक को गाली दी गई क्योंकि उन्हें लगा कि वह मुस्लिम है, एक को राजपूत समझा गया, इसलिए कुछ नहीं कहा गया, और दूसरे के बारे में, उन्हें कोई जानकारी नहीं है..."
दरअसल रामगोपाल यादव ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने वाले भारतीय सैन्य अधिकारियों के जरिए अपनी पार्टी की राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे थे. लेकिन लोग रामगोपाल यादव के इस बयान को लेकर इस कारण आलोचना कर रहे हैं कि सैन्य अधिकारियों की जाति बताने की जरूरत क्या थी?
सेना की वर्दी 'जातिवादी चश्मे' से नहीं देखी जातीः योगी आदित्यनाथ
रामगोपाल यादव की टिप्पणी पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया सामने आई है. योगी आदित्यनाथ ने लिखा- सेना की वर्दी 'जातिवादी चश्मे' से नहीं देखी जाती है. भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक 'राष्ट्रधर्म' निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है. यह वही मानसिकता है, जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है. इस विकृत जातिवादी सोच को जनता फिर जवाब देगी.
एमपी के मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर की विवादित टिप्पणी
इससे पहले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक विवादित टिप्पणी की. जिस कारण उनकी खूब आलोचना हुई. हाईकोर्ट ने तत्काल उनपर एफआईआर करने का आदेश तक दिया. हालांकि विवाद बढ़ता देख विजय शाह ने मांफी मांग ली थी. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.
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