- झांसी के पूर्व विधायक दीप नारायण यादव ने डकैती मामले में गिरफ्तारी से बचने हेतु हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी
- इलाबाद हाईकोर्ट ने दीप नारायण के सरेंडर करने के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है
- दीप नारायण यादव ने 18 दिसंबर 2025 को कोर्ट में सरेंडर किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है
झांसी से सपा के पूर्व बाहुबली विधायक दीप नारायण यादव उर्फ दीपक को डकैती के मामले में फिलहाल राहत नहीं मिली है. गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अंतरिम राहत अब शेष नहीं रही क्योंकि याचिकाकर्ता मामले में सरेंडर कर चुका है. कोर्ट ने सरेंडर के आधार पर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की स्टे एप्लीकेशन को खारिज कर दिया. हालांकि, एफआईआर रद्द करने की मांग पर सुनवाई जारी रहेगी.
जवाब दाखिल करने को एक हफ्ते का समय
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकीलों को जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. जांच अधिकारी की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल और एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट पंकज सक्सेना ने जवाबी हलफनामा दायर किया, जिसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर ले लिया. हलफनामे में बताया गया कि दीप नारायण यादव ने 18 दिसंबर 2025 को कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की डिविजन बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी 2026 की तारीख तय की है.
क्या है मामला?
झांसी के गरौठा सीट से पूर्व विधायक दीप नारायण यादव पर भुजौंद गांव निवासी प्रेम सिंह पालीवाल ने 20 नवंबर 2025 को मोठ थाने में डकैती समेत संगीन धाराओं में केस दर्ज कराया था. आरोप है कि पीड़ित की पुश्तैनी जमीन पूर्व विधायक के मून इंटरनेशनल स्कूल के पास है. पूर्व विधायक ने पहले उसके भाई और मां की जमीन जबरन लिखवा ली थी और अब उसके हिस्से की जमीन भी लेने की कोशिश की.
पीड़ित ने आरोप लगाया कि मना करने पर उसे स्कूल बुलाकर पिटवाया गया. 2 नवंबर को जब वह मोठ बाजार जा रहा था, तब दो फॉर्च्यूनर गाड़ियों से पूर्व विधायक, अनिल यादव उर्फ मामा और अन्य लोगों ने उसे घेर लिया. असलहा तानकर धमकी दी, थप्पड़ मारे और जेब से 32 हजार रुपये निकाल लिए. साथ ही धमकी दी कि एक महीने में 20 लाख रुपये दो, जमीन की रजिस्ट्री कराओ और मुकदमा वापस लो.
इस मामले में पुलिस ने 25 नवंबर को पूर्व विधायक के करीबी अशोक गोस्वामी को गिरफ्तार किया था. एफआईआर में बीएनएस की धारा 126(2), 308(4), 310(2), 352, 351(3) और 115(2) के तहत मामला दर्ज हुआ.
राजनीतिक बयानबाजी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी दीप नारायण के समर्थन में बयान दिया था और कहा कि एक पुलिस अफसर ने हमारे पूर्व विधायक पर 32 हजार रुपये की डकैती का केस लगा दिया. फिलहाल, पूर्व विधायक दीप नारायण यादव जेल में बंद हैं और हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है.














