- संभल हिंसा के आरोपी और शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने 2027 विधानसभा चुनाव में दावेदारी की है
- जफर अली पेशे से वकील हैं और हिंसा मामले में जेल जा चुके हैं, वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं
- संभल में जफर अली जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद के मस्जिद पक्ष के वकील के रूप में सक्रिय रहे हैं
संभल हिंसा के आरोपी और शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने उत्तर प्रदेश में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनाव में दावेदारी की घोषणा की. सोशल मीडिया में पोस्ट कर जफर अली ने संभल की जनता से समर्थन मांगा है. इस पोस्ट में लिखा गया है कि दुआओं, वोट और सपोर्ट की दरख़वास्त है.
किस पार्टी से लड़ेंगे चुनाव?
हिंसा के आरोपी जफर अली पेशे से वकील हैं और हिंसा मामले में जेल जा चुके हैं. फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं. संभल में जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद को लेकर चर्चा में रहे हैं. वह मस्ज़िद पक्ष के वकील भी हैं. फिलहाल वो किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे, इसके बारे में तो कोई जानकारी नहीं है, लेकिन संभव है वो आईआईएमआईएम या सपा से टिकट मांग सकते हैं.
जेल से बाहर आने पर निकाला रोड शो
संभल में पिछले साल नवंबर में हुई हिंसा के मामले में ज़फ़र अली का नाम आरोपी के तौर पर सामने आया था. संभल पुलिस ने उनकी गिरफ़्तारी की. लगभग चार महीने जेल के बिताने के बाद जफर अली को कोर्ट से ज़मानत मिल गई. जेल से बाहर आने के बाद जफर अली ने रोड शो निकाला और उनका स्वागत फूल मालाओं से किया गया.
जफर अली को संभल कोतवाली में दर्ज मुक़दमा नंबर 335/24 में जेल भेजा गया था. नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के एएसआई सर्वे के दौरान हुई हिंसा में जफर अली पर आरोप था कि सर्वे कब होगा, इसकी जानकारी उन्होंने सांझा की थी, जिसकी वजह से विवादित परिसर पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे.