- यूपी विधानसभा में AI की समझ और उपयोग को लेकर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया था
- विधायक अभय सिंह ने AI की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए इसे केवल जानकारी का आदान-प्रदान करने वाला बताया
- अभय सिंह ने AI से अपनी राजयोग अवधि पूछने पर गलत उत्तर मिलने का मज़ाकिया अनुभव साझा किया
लखनऊ की हवा में तकनीक और मनोरंजन का अनोखा मिश्रण ठहरता सा रहा जब यूपी विधानसभा में एक विशेष सत्र के दौरान विधायक अभय सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर जो अनूठे सवाल उठाए. गौरतलब है कि यूपी विधानसभा में सदस्यों को AI की समझ देने व इसे अपनी विधायी कार्यशैली में शामिल करने के उद्देश्य से एक सत्र का आयोजन किया गया था. सत्र का संचालन आईटी विशेषज्ञ हर्षित और आशुतोष तिवारी ने किया, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, विपक्षी नेता माता प्रसाद पांडेय, और अन्य केंद्रीय सदस्य शामिल थे।.
‘ChatGPT में कोई ज्ञान नहीं' बयान पर जब हंस पड़े सभी सदस्य
विधायक अभय सिंह ने AI को लेकर तीखा व्यंग्य करते हुए कहा कि AI कोई खुद की जानकारी नहीं रखता, यह हमसे लेकर आपके पास देता है और फिर हमसे वापस लेता है. उनका यह कथन सदन में चर्चा का विषय बन गया, और सभी विधायक ठहाके लगाने लगे.
AI पर सवालों का सिलसिला
अभय सिंह ने AI की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए कहा कि AI हमारे क्षेत्र में कौन सी सड़क बनवाने से ज्यादा वोट मिल सकती है, यह नहीं बता सकती. उन्होंने मज़ाकिया अंदाज में बताया कि जब उन्होंने AI से अपनी “राजयोग” की अवधि पूछा, तो AI ने गलत उत्तर देते हुए अंततः अपनी गलती मान भी ली. जिससे विधान सभा में हंसी का माहौल बन गया.
यह सत्र विधायकों को डिजिटल युग में सशक्त बनाने के लिए आयोजित किया गया था. IIT कानपुर द्वारा डिज़ाइन की गई तकनीकी ट्रेनिंग का मकसद विधायी प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना था. जैसे कि AI आधारित हाज़िरी, दस्तावेज़ों की खोज और संवाद में सुधार के लिए लाया गया था. वैसे तो तकनीकी सत्र गंभीर था, लेकिन अभय सिंह ने अपनी मज़ेदार टिप्पणियों के साथ सदन में हांसी की लहर दौड़ा दी.
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