Lakhimpur Kheri violence: लखीमपुर खीरी में मारे गए चार किसानों में तीन किसानों का आंतिम संस्कार हो गया जबकि बहराइच के एक किसान गुरविंदर सिंह का दोबारा पोस्टमार्टम होगा. इन तमाम घटनाक्रम के बीच सबसे ज्यादा सवाल पुलिस की भूमिका पर उठ रहे हैं कि मंत्री के बेटे पर हत्या का मामला दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने अब तक गिरफ्तारी तो दूर पूछताछ तक नहीं की. लखीमपुर के चौखड़ा फार्म में 19 साल के लवप्रीत के घर पर मौत का कोहराम मचा है. पिता सतनाम सिंह का कर्जा उतारने के लिए वह ऑस्ट्रेलिया जाने वाला था लेकिन रविवार को दोस्तों के साथ प्रदर्शन में गया और वहीं से उनके पास उसकी मौत की खबर आई.सतनाम का कहनाहै कि जब तक मंत्री और उनके बेटे की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तक उनको इंसाफ नहीं मिलेगा.सतनाम कहते हैं, 'मेरा तो बेटा चला गयी जो मेरा सहारा था. अब मंत्री और बेटे तो गिरफ्तार किया जाए तभी इंसाफ मिलेगा.'
उधर, मारे गए किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर तमाम तरह के सवाल हैं. चार किसानों का पोस्टमार्टम होने के बाद भी प्रशासन ने पोस्टमार्टम नहीं दिखाई.जब लवप्रीत समेत चारों किसानों के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया तब जाकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके परिजनों को बंद कमरे में दिखाई गई. मंगलवार तो तीन किसानों का अंतिम संस्कार हो गया है लेकिन बहराइच के गुरुविंदर सिंह का दोबारा पोस्टमार्टम डॉक्टरों का नया पैनल करेगा. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'बहराइच के किसान तो गोली मारे जाने की आशंका है इसीलिए हम नए सिरे से पोस्टमार्टम कराना चाहते हैं. कई अस्पतालों के डॉक्टरों कै पैनल पोस्टमार्टम करेगा.'
हाल में ही सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि विरोध कर वापस लौट रहे किसानों पर पीछे से टक्कर मारी गई है (एनडीटीवी इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता.एनडीटीवी ने कुछ चश्मदीदों से भी बात की तो उन्होंने आरोप लगाया कि पहले Thar से टक्कर मारी गई फिर गोलिया चलाई गई. चश्मदीद सिमरनजीत सिंह ने कहा, 'तीन गाड़ियां आईं और किसानों को रौंदती चली गई..हम लोग घायल किसानों को उठा रहे थे तभी कुछ लोग उतरकर गोलियांचलाते हुए गन्ने के खेत में भागे.' हालांकि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर हत्या का मामला दर्ज हो चुका है लेकिन चौबीस घंटे से ज्यादा का वक्त होने के बावजूद पुलिस ने गिरफ्तार करना तो दूर उनसे पूछताछ तक नहीं की है. पुलिस का तर्क है कि वो अब तक शव के अंतिम संस्कार में लगे थे. एडीजी लखनऊ एसएन सबत ने कहा, 'हम अपना काम कर रहे हैं जांच के बाद हम तय करेंगे.' लखीमपुर में आठ लोगों की मौत के बावजूद अब तक न किसी की गिरफ्तारी और न पोस्टमार्टम रिपोर्ट देना कई सवालों को जन्म दे रहा है.
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