- वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का विवाह जयपुर के आमेर स्थित होटल ताज में यमुना नगर की शिप्रा से होगा
- विवाह को भव्य धार्मिक महोत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है जिसमें पारंपरिक रस्में और भक्ति संगीत शामिल हैं
- इसमें देश-विदेश से कई प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक हस्तियां जैसे धीरेंद्र शास्त्री और बी प्राक शामिल होंगे
वृंदावन के सुप्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय 5 दिसंबर को जयपुर के ऐतिहासिक स्थल आमेर स्थित होटल ताज में विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं. जिसकी घुड़चड़ी आज वृंदावन में उनके घर से निकली. उनका विवाह यमुना नगर की बेटी शिप्रा के साथ होगा. विवाह समारोह की भव्यता को देखते हुए इसे एक साधारण शादी नहीं, बल्कि एक भव्य धार्मिक महोत्सव माना जा रहा है. इस ऐतिहासिक विवाह महोत्सव से पहले वृंदावन के रमणरेती स्थित उनके आवास पर हल्दी-संगीत समेत अन्य पारंपरिक रस्में निभाई गईं, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.
प्रमुख हस्तियों का लगेगा जमावड़ा
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय अपने प्रवचनों और भजनों के कारण देश-विदेश में लोकप्रिय हैं. सोशल मीडिया पर भी उनकी जबरदस्त फॉलोइंग है. यही वजह है कि उनके विवाह समारोह में कई बड़ी हस्तियों के शामिल होने की संभावना है. होटल ताज आमेर में दिनभर चलने वाले इस कार्यक्रम में देश-विदेश से प्रमुख मेहमान जयपुर पहुंचेंगे.
कौन-कौन पहुंचेगा
- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम)
- मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज
- कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी
- कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर
- बॉलीवुड सिंगर बी प्राक
आयोजकों द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों से पता चलता है कि यह समारोह पूरी तरह से भव्य धार्मिक उत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है.
भक्ति संगीत और पारंपरिक रीति-रिवाज
विवाह समारोह की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसमें सर्व समाज के लोगों की उपस्थिति देखने को मिलेगी, जो विवाह की शोभा बढ़ाएगी.
समारोह में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा. शादी में भक्ति संगीत का विशेष आयोजन होगा. प्राचीन धार्मिक रीति-रिवाज और पारंपरिक भारतीय शैली का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
जयपुर को कहते हैं छोटा वृंदावन
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी के भी परम भक्त हैं. वे अक्सर जयपुर को 'छोटा वृंदावन' कहकर संबोधित करते हैं. इसका कारण यह है कि जयपुर में वृंदावन से लाए गए भगवान श्रीकृष्ण के चार प्रमुख विग्रह स्थापित हैं. गोविंददेवजी, गोपीनाथ जी, राधा दामोदरजी और राधा विनोदी लाल जी. इन विग्रहों की उपस्थिति के कारण ही इस आध्यात्मिक नगरी में उनके विवाह का यह उत्सव और भी अधिक ऐतिहासिक हो गया है.













