पोस्‍टमार्टम से पहले खुला राज, पुलिस पहुंची तो 'मृत' मरीज जिंदा मिला, जूनियर रेजिडेंट डॉक्‍टर सहित 4 निलंबित

कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में यह मामला शनिवार की शाम को तब सामने आया जब पुलिसकर्मी शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के वास्ते मेडिसिन वार्ड में पहुंचे. वहां उन्होंने पाया कि वे जिस मरीज का शव लेने के लिए आए थे वह तो जिंदा है.

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  • कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में एक मरीज को गलती से मृत घोषित करने पर चार कर्मियों को निलंबित किया गया है.
  • घटना तब सामने आई जब पुलिसकर्मी शव पोस्टमार्टम के लिए लेने गए और मरीज जिंदा पाया गया था.
  • जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है जो 48 घंटे में रिपोर्ट देगी और कार्रवाई सुझाएगी.
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कानपुर:

कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में एक जिंदा मरीज को गलती से मृत घोषित करने के आरोप में एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, एक स्टाफ नर्स और दो अन्य अस्पताल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने रविवार को बताया कि कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में यह मामला शनिवार की शाम को तब सामने आया जब पुलिसकर्मी शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के वास्ते मेडिसिन वार्ड में पहुंचे. वहां उन्होंने पाया कि वे जिस मरीज का शव लेने के लिए आए थे वह तो जिंदा है.

काला ने रविवार को बताया कि घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति की अध्यक्षता उप प्राचार्य डॉ. ऋचा अग्रवाल कर रही हैं और इसमें मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सौरभ अग्रवाल और प्रभारी अधीक्षक राकेश सिंह शामिल हैं. समिति 48 घंटे के अपनी रिपोर्ट देगी. रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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ऐसे जिंदा को मृत घोषित किया

उन्होंने बताया कि यह घटना मेडिसिन वार्ड नंबर 12 में हुई, जहां दो मरीज अगल-बगल के बिस्तर पर भर्ती थे. उनमें से विनोद (42) बिस्तर संख्या 42 पर भर्ती था, जबकि लगभग 60 साल का एक अज्ञात बुजुर्ग बिस्तर संख्या 43 पर भर्ती था. शनिवार को इलाज के दौरान बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई. हालांकि, जूनियर चिकित्सकों ने कथित तौर पर गलती से विनोद की मेडिकल फाइल भर दी और उसे आधिकारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया.

काला ने बताया कि दस्तावेजों के आधार पर पोस्टमॉर्टम की प्रक्रियाओं के लिए स्वरूप नगर थाने को सूचना भेजी गई. जब पुलिसकर्मी शव को ले जाने के लिए पहुंचे, तो वे विनोद को जिंदा देखकर हैरान रह गए. इस खुलासे से अस्पताल में हड़कंप मच गया. इस पर वरिष्ठ अधिकारी वार्ड में पहुंचे.

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गलती से गलत मरीज की फाइन भर दी

एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि गलती करने वाले जूनियर डॉक्टर ने बाद में अपनी गलती मान ली और माफी मांगी.

उन्होंने बताया कि यह गलती गलत दस्तावेजीकरण के कारण हुई. जूनियर डॉक्टर ने गलती से गलत मरीज की फाइल भर दी. रिकॉर्ड बाद में ठीक करके पुलिस को दोबारा भेजे गए हैं.

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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल रिकॉर्ड में दिए गए फोन नंबर का इस्तेमाल करके विनोद के रिश्तेदारों से संपर्क किया गया और उन्हें अस्पताल आने के लिए कहा गया.

अनजान बुजुर्ग शख्‍स की हो गई मौत

गोविंद नगर के थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एक अनजान बुजुर्ग आदमी करीब पांच दिन पहले बेहोश मिला था और पुलिस द्वारा उसकी पहचान न हो पाने के बाद उसे लाला लाजपत राय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसे उल्टी और दस्त हो रहे थे और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.

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सिंह ने बताया कि विनोद का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

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