संभल : कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायिक आयोग ने घटनास्थल और शाही जामा मस्जिद का किया निरीक्षण

संभल हिंसा: मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने जानकारी साझा करते हुए बताया, "उत्तर प्रदेश शासन की ओर से गठित किए गए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने संभल का दौरा किया. घटनास्थल का निरीक्षण करते वक्त उन्होंने वहां मौजूद लोगों से बात की.

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संभल:

24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग रविवार को संभल पहुंचा. आयोग ने संभल के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के साथ हिंसा वाले घटनास्थल का निरीक्षण किया और वर्तमान स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग शाही जामा मस्जिद पहुंचा और वहां के मौजूदा हालात का भी निरीक्षण किया.

मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने जानकारी साझा करते हुए बताया, "उत्तर प्रदेश शासन की ओर से गठित किए गए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने संभल का दौरा किया. घटनास्थल का निरीक्षण करते वक्त उन्होंने वहां मौजूद लोगों से बात की. आयोग के सदस्यों ने हमसे जो जानकारी लेनी चाहिए, इसके बारे में हमने उन्हें बता दिया. जांच की प्रक्रिया को आयोग आगे बढ़ाएगा. आयोग के अध्यक्ष और सदस्य यहां आए हुए थे. आयोग के सदस्य हिंसा वाले क्षेत्रों का दौरा करने के साथ-साथ शाही जामा मस्जिद गए और जांच-पड़ताल की. आयोग के सदस्यों की ओर से आगे विस्तृत जांच की जाएगी."

उन्होंने आगे कहा कि संभल के हालात सामान्य हुए हैं और कड़ी निगरानी रखी जा रही है. संभल के डीएम ने 10 दिसंबर पर आने-जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है. जब हालात सामान्य हो जाएंगे तो हम किसी को नहीं रोकेंगे. आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा, उनके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई होगी.

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न्यायालय के आदेश के बाद संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह सर्वेक्षण उस याचिका से जुड़ा था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था.

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. आयोग के गठन का आदेश उत्तर प्रदेश के गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था. 28 नवंबर को अधिसूचना के जरिए गठित आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है. इस समय सीमा को बढ़ाने के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी.

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राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में आयोग को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. आयोग के दो अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन हैं.

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