मेरठ में पुलिस ने एक कोचिंग सेंटर के शिक्षक को तमंचा स्मगलर बना डाला. दबिश देने आई पुलिस ने घर में खड़ी मोटरसाइकिल में तमंचा डाल दिया और बाद में उसी तमंचे को बरामद दिखाकर शिक्षक अंकित त्यागी को गिरफ्तार कर लिया. केस दर्ज होने के बाद करीब 30 घंटे तक शिक्षक को अवैध हिरासत में रखा गया. एसएसपी ने इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है.
मेरठ आईजी कार्यालय में 26-27 सितंबर की रात में महिलाएं अपने दुधमुंहे बच्चों के साथ खड़ी नजर आईं. मेरठ आईजी ऑफिस व आईजी आवास के परिसर में पहुंची महिलाओं को उम्मीद थी कि रात में उनकी फरियाद सुन ली जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ. पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारने के बाद सुबह 11:00 बजे आईजी ने राखी त्यागी नाम की महिला की शिकायत ली. राखी ने बताया कि उसके शिक्षक भाई अंकित त्यागी को खरखौदा पुलिस ने फर्जी मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया है.
अपनी फरियाद के साथ राखी ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी आईजी को दिखाया जिसमें एक पुलिस वाला घर में खड़ी बाइक के बैग में तमंचा डालते हुए दिखाई दे रहा है.
राखी त्यागी ने कहा कि, ''सर हमारे घर में पुलिस आई थी. हमारे भाई को फ़र्जी मुकदमे में फंसा दिया है. दो पुलिस वाले आए थे. पहले हमारी बाइक में कट्टा रखा, फिर बढ़कर हमारे घर आ गए फिर हमारे छोटे भाई को, कट्टा बरामद कर ले गए.''
मेरठ के आईएएस कोचिंग अकादमी में गणित और रीजनिंग पढ़ाने वाले शिक्षक अंकित त्यागी को 26 सितंबर को देर शाम पुलिस उनके घर से उठाकर ले गई. करीब 8:00 बजे पुलिस के दो सिपाही घर के अंदर आए और घर में तलाश शुरू कर दी. अंकित को जब गिरफ्तार किया गया तब वह अपने घर के अंदर पढ़ रहा था.
सिपाही घर में घुसते वक्त बाइक के बैग में तमंचा डालते हुए दिख रहासीसीटीवी कैमरे में एक सिपाही घर में घुसते वक्त बाइक के बैग में तमंचा डालते हुए दिखाई दे रहा है. अंकित को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने बाइक में पड़ा हुआ तमंचा अंकित के पास से बरामद दिखाया और थाने जाकर केस दर्ज किया कि अंकित त्यागी तमंचों का स्मगलर है.
मेरठ के एसपी ग्रामीण कमलेश बहादुर सिंह ने कहा कि, मामला आया है सामने, कुछ चीजें संदिग्ध हैं. हम जांच कर रहे हैं.
अभी दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अफसरों को आदेश दिया था कि वे अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं और खास तौर पर महिलाओं के साथ संवेदना से पेश आएं, लेकिन पुलिस के अफसर और पुलिस महकमा सुधरने के मूड में नहीं दिखता.