- नेपाल में युवाओं के दो दिन तक चले हिंसक प्रदर्शन से जन-जीवन और व्यापार दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.
- उत्तर प्रदेश से नेपाल जाने वाले 500 से अधिक ट्रक सीमा पर फंसे हैं, जिनमें करीब दो सौ करोड़ रुपये का माल है.
- यूपी से नेपाल का सालान निर्यात करीब 12 करोड़ रुपये का है, जिसमें मशीनरी, केमिकल्स समेत कई वस्तुएं शामिल हैं.
नेपाल में युवाओं के दो दिन तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शन की वजह से हालात बहुत ही खराब हैं. जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसका असर व्यापार पर भी देखा जा रहा है. हिंसा का असर नेपाल-यूपी बॉर्डर पर, महराजगंज में अब भी देखने को मिल रहा है. इस हिंसा का असर उत्तर प्रदेश के व्यापार पर गहराने लगा है. यूपी से नेपाल जाने वाले 500 से अधिक ट्रक सीमा (Truck Stuck In Nepal-Up Border) पर अब भी फंसे हुए हैं, जिनमें करीब 200 करोड़ रुपये का माल अटका हुआ है. सामान्य स्थिति में नेपाल तक माल पहुंचाने में दो से तीन दिन लगते हैं, लेकिन फिलहाल गाड़ियां सीमा पर रुकी हैं.
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ट्रक फंसने से व्यापार में हो सकता है नुकसान
बता दें कि यूपी से हर साल करीब 12 हजार करोड़ का निर्यात नेपाल में होता है, जिसमें यूपी की हिस्सेदारी 28 फीसदी है. निर्यात में मशीनरी, आयरन-स्टील, केमिकल्स, खाद्यान्न, ऑटो पार्ट्स, लेदर उत्पाद और मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं. निर्यातकों ने आशंका जताई है कि लंबे समय तक हालात न सुधरे तो भुगतान फंस सकता है और भारी नुकसान होगा. कुछ निर्यातक ट्रक वापस बुलाने की तैयारी में हैं, हालांकि व्यापारी समुदाय उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही सीमा पर हालात सामान्य होंगे और व्यापार फिर से रफ्तार पकड़ेगा.
भारत-नेपाल इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी ट्रकों का तांता
नेपाल में Gen-Z के हिंसक प्रदर्शन की वजह से भारत-नेपाल इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी ट्रकों का तांता लगा है. भारत की सीमा में ट्रकों की लंबी कतारें लगी हैं. वहां मौजूद ट्रक ड्राइवरों के मुताबिक, वे लोग घंटों से यहां फंसे है. कोई ट्रक ड्राइवर यहां ढाका से आया है तो कोई मुंबई से. किसी ट्रक पर धागा लोड है तो किसी पर पेंट. पेट्रोल-डीजल के कई टैंकर भी मिले. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि करीब 3000 हजार ट्रक यहां फसें है.
नेपाल की कमान अब सेना के हाथ
बता दें कि नेपाल में बुधवार को सामान्य स्थिति बहाल होती नजर आई. इस बीच सैनिकों को देश में कानून-व्यवस्था कायम करने और आंदोलन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए सड़कों पर गश्त करते देखा गया. नेपाल में मंगलवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों के हिंसक होने के बीच केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
नेपाल में हर जगह हिंसा के निशान
देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए और फिर गुरुवार सुबह छह बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया. बता दें कि इससे एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी. हालांकि, बुधवार को हिंसा की कोई खबर नहीं आई.