यूपी के फिरोजाबाद में थम नहीं रहा डेंगू का कहर, बीमार बच्चों से भरे पड़े हैं अस्पताल

फिरोजाबाद के अस्पताल बीमार बच्चों से भरे पड़े हैं. ज्यादात्तर प्राइवेट अस्पताल भरे हुए हैं. मेडिकल कॉलेज का अस्पताल 100 बेड का है. जिसमें कल 504 बच्चे भर्ती थे.

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लखनऊ:

यूपी के फिरोजाबाद में डेंगू थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां अब तक 52 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं. डेंगू मच्छरों का लारवा खत्म करने को यहां तालाबों में एक लाख गमबुसिया मछलियां डाली गई हैं, जो डेंगू का लारवा खाती हैं. जिले के अस्पताल भर चुके हैं और लोग अपने बीमार बच्चों को भर्ती कराने के लिए परेशान हो रहे हैं.

फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज की लॉन में 12 साल का चिंटू बुखार से बेसुध पड़ा है. घर वाले उसे बीस किलोमीटर दूसर श‍िकोहाबाद से यहां भर्ती कराने लाए थे. डॉक्टर ने कहा कि बेड नहीं है. अब परेशान हैं कि कहां ले जाएं, बच्चे की जान कैसे बचाएं. NDTV की टीम वहां पहुंची तो मां मिथिलेश बेटे को भर्ती कराने के लिए हाथ जोड़ने लगीं. 

मिथिलेश कुमारी कहती हैं, 'इलाज करवा दो मेरे बच्चे का. मेरी कोई नहीं सुनेगा. हम गरीब आदमी हैं. मजदूरी करते हैं'

हमारी टीम ने उसे भर्ती कराने में मदद की. मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता अनेजा ने खुद आकर उसे भर्ती कराया. बच्चे को अस्पताल में बिस्तर मिल जाने से मां इतनी एहसानमंद हो गई कि डॉक्टर के पैरों में गिर पड़ी.

फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता अनेजा ने कहा, 'हमारे यहां इस समय 540 बच्चे हैं. अगर एडमिट नहीं करते तो यह नौबत नहीं आती. और यहां सब एडमिट होना चाह रहे हैं. वहां कह रहे हैं कि एक बिस्तर पर दो लोगों को लिटा दो. हमें कोई परेशानी नहीं है. बात भी सही है. इस समय हमारा मकसद यह नहीं देखना है कि क्या है, क्या नहीं है. हमारा मकसद सिर्फ मरीज की जान बचाना है.'

फिरोजाबाद के अस्पताल बीमार बच्चों से भरे पड़े हैं. ज्यादात्तर प्राइवेट अस्पताल भरे हुए हैं. मेडिकल कॉलेज का अस्पताल 100 बेड का है. जिसमें कल 504 बच्चे भर्ती थे. आज भी 430 बच्चे भर्ती हैं. ज्यादा से ज्यादा बीमार बच्चों को भर्ती करने के लिए मेडिकल कॉलेज के किचन, स्टोर, ट्रेनिंग हॉल, पैथॉलॉजी, सेमिनार हॉल, कैंटीन स्टोर, मेडिसिन स्टोर, प्री ऑप्रेशन रूम, पोस्ट ऑप्रेशन रूम, लॉबी सब को बच्चों का वार्ड बना दिया गया है. 

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डॉ. संगीत अनेजा ने बताया, 'जो हमारी ओटी को छोड़कर, जो उसकी लॉबी थी. जो हमारे स्टोर्स थे, हमारी किचन थी और यहां तक की प्री ऑपरेशन और पोस्ट ऑपरेशन रूम थे उन सबको हमने पूरा सुसज्जित करा के एसी लगाक के हर व्यवस्था देकर इस तरीके से हम 400 बेड ले गए. लेकिन हमें किसी भी मरीज को आज तक, जिसको भर्ती करना है, उसे ना नहीं किया है.'

फिरोजाबाद में कूल में पानी भरने पर रोक लगा दी गई है. क्योंकि उसमें डेंगू के मच्छरों के लारवा मिले हैं. अब स्वास्थ्य विभाग की टीम शहर में घूम-घूम कर लोगों के घरों में जमान पानी ढूंढ़ ढूंढ़ कर फिंकवा रही है. फिरोजाबाद में तालाबों में गमबुसिया नाम की मछलियां भी डाली जा रही हैं. ये मछलियां डेंगू के मच्छर का लारवा खा जाती हैं. 

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फिरोजाबाद के सीएमओ दिनेश कुमार 'प्रेमी' ने बताया, 'गंबोजा मछली की क्वालिटी ये है कि वो जो डेंगू का लारवा है, उसे खाती है. और एक दिन में करीब-करीब 100 लारवा खाती हैं. जब 100 लारवा खाएंगी तो इनकी ग्रोथ होती रहेगी. आज हमने 50 पैकेट बदायूं से मंगवाए हैं और लगभग उनमें 25 हजार मछलियां हैं. अलग-अलग तालाबों में डलवा दिया है."

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